यात्राविवरण , कविता , कहानी , चित्र

शनिवार, 18 सितंबर 2010

स्वर्ग

कितना सुन्दर हैं यह सागर

कितना खूबसूरत भी हैं

कितने मजदूरों का जीवन

फैला हैं इस सागर में

लहरें किनारे की और आती जाती हैं

खेलते हैं बचों लहरों पर

खूम्थी फिरती हैं मिटाई वाले

होनेवाला हैं सूर्यास्त

जहास पर बीते मुसफिरबाबा ने कहा

यह हैं स्वर्ग , सच्चा स्वर्ग

नीतु एन एस

डी

शुक्रवार, 17 सितंबर 2010

यात्रा विवरण

सर्पाकार रास्ता

मेरी पहली वयानाडू यात्रा मार्च ७ को स्कूल से मेरी अध्यापिका और सहेलियों के साथ थी हमारी गाडी जंगल के पेड़ों की बीच की सर्पाकार रास्ता से धीरे धीरे चल रही थी कई दृश्यों को देखने क बाद हम एडक्कल गुफा देखने गए वहाँ से कई ज्ञानवर्धक दृश्यों को देखा यात्रा के बीच में एक बन्दर आये हम उसको बिस्कुट diye chidiyakhar देखने केलिए अम्बलावयल गया वहां इक हाथी की अस्थिपंजर देखा वह देखकर मन विस्मय से भरा सूरज पहाड़ों के पीछे अस्त होते तो हम वापस घर की ओर लौटे मेरी ज़िन्दगी में इस यात्रा को में कभी नहीं भूलेगी

नीतू . एन. एस

८ डी

मंगलवार, 14 सितंबर 2010


सितंबर १४ २०१० हिन्दी दिन समारोह



आज से हिंदी सप्ताह शुरु होता हैं

इस समारोह के सिलसिले में हिंदी में स्कूली सभा का आयोजन हुआ

खेल अध्यापक श्री विल्सन मास्टर ने सभा का संचालन किया

हिंदी प्रार्थना से शुरू हुए इस सभा में कुमारी अभिरामी आठवी ए ने हिंदी में प्रतिज्ञा प्रस्तुत की

नीतू आठवी टी ने समाचार प्रस्तुत की

कुमारी अखिला आठवी के ने सन्देश प्रस्तुत की

उप प्रधान अध्यापिका श्रीमती वासंती टीचर और चाक्को मास्टर ने सन्देश प्रस्तुत की

हसीना टीचर ने कृतज्ञत ज्ञापन की





रविवार, 5 सितंबर 2010



हिंदी मंच के छात्रों ने


आठवीं कक्षा की इकाई माटी ,धान , और जिंदगानी के आधार पर


तरकारियों का बाग़ तैयार किया