यात्रा विवरण
सर्पाकार रास्ता
मेरी पहली वयानाडू यात्रा मार्च ७ को स्कूल से मेरी अध्यापिका और सहेलियों के साथ थी हमारी गाडी जंगल के पेड़ों की बीच की सर्पाकार रास्ता से धीरे धीरे चल रही थी कई दृश्यों को देखने क बाद हम एडक्कल गुफा देखने गए वहाँ से कई ज्ञानवर्धक दृश्यों को देखा यात्रा के बीच में एक बन्दर आये हम उसको बिस्कुट diye chidiyakhar देखने केलिए अम्बलावयल गया वहां इक हाथी की अस्थिपंजर देखा वह देखकर मन विस्मय से भरा सूरज पहाड़ों के पीछे अस्त होते तो हम वापस घर की ओर लौटे मेरी ज़िन्दगी में इस यात्रा को में कभी नहीं भूलेगी
नीतू . एन. एस
८ डी
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